जिस जानिब से सर पर मेरे, आकर के पत्थर निकले | मुड़कर देखा जब मैंने तो, यारों ही के घर निकले | दर्द ग़मों का किसी गली में, ...
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हिंदी के सुधी पाठकों के लिए प्रतिष्ठित कवि-गीतकार-ग़ज़लकार-अभिनेता एवं ज्योतिष विशेषज्ञ डॉo अशोक मधुप के गीत, ग़ज़ल, मुक्तक एवं कविताओं का अनूठा संग्रह |